साल का पहला खग्रास चंद्र ग्रहण
26 मई 2021 बुधवार को, साल का पहला खग्रास
चंद्र ग्रहण लग रहा है।
इस दिन वैशाख मास की शुक्ल पक्ष
की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन चंद्रमा
वृश्चिक राशि में रहेगा। इस दिन अनुराधा
नक्षत्र पड़ रहा है।
खग्रास चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में पड़ रहा है।
इसलिए वृश्चिक राशि वालों को विशेष सावधानी
बरतने की जरूरत होगी।
वृश्चिक राशि में केतु और चंद्रमा विराजमान
रहेंगे। ग्रहण के दौरान चंद्रमा,
केतु से पीड़ित हो
जाएंगे। राहु का भी प्रभाव
देखने को मिलेगा। ज्योतिष
शास्त्र के अनुसार जब
चंद्रमा और केतु की
युति बनती है तो अशुभ
फल प्राप्त होते हैं।
खग्रास चंद्र ग्रहण के दौरान वृषभ राशि में चार ग्रह मौजूद रहेंगे, जिनके नाम - बुध, सूर्य, शुक्र और राहु ग्रह हैं।
अन्य ग्रहों का गोचर - मिथुन
राशि में मंगल ग्रह, मकर राशि में शनिदेव और कुंभ राशि
में देव गुरू बृहस्पति विराजमान रहेंगे।
ये ग्रहण पश्चिमी - बंगाल, अरुणाचल, नागालैंड, पूर्वी उड़ीसा, मिज़ोरम, मणिपुर, आसाम, त्रिपुरा, तथा मेघालय आदि राज्यों में दिखेगा।
भारत
के
शेष
भागों
- उत्तरी, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत
आदि स्थानों में यह
ग्रहण दिखाई नहीं देगा। भारत के केवल उत्तर
-पूर्वी क्षेत्रों में यह ग्रहण समाप्ति
काल के समय दिखाई
देगा।
भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर प्रारम्भ होगा।
खग्रास 4 बजकर 20 मिनट पर प्रारम्भ होगा।
ग्रहण का मध्य कल समय 4 बजकर 49 मिनट होगा।
खग्रास 4 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा।
ग्रहण 6 बजकर 23 मिनट संध्या काल पर समाप्त होगा।
चंद्र
ग्रहण
का
सूतक
काल
का
समय
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 26 मई की सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर प्रारम्भ होगा।
कृप्या ध्यान दें की - ग्रहण का सूतक काल वहीं मान्य होगा जहाँ पर चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। अन्य स्थानों पर इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।
बारह
राशियों में ग्रहण का फल जाने के लिए नीचे दिए लिंक पर अभी क्लिक करें-
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